7 जून से 26 जुलाई के बीच लोकसभा की 30 और राज्यसभा की 27 बैठकें होंगी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तथा लोगों के कल्याण के मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने के लिए सभी पार्टियों के नेताओं से सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र – 2019 के पूर्व आज विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के राज्यसभा व लोकसभा में सदन के नेताओं को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नव-निर्वाचित संसद-सदस्यों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि संसद के कामकाज में उत्साह और ऊर्जा का संचार होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें आत्म-निरीक्षण करना चाहिए कि क्या संसद सदस्य जन प्रतिनिधि के रूप में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हैं? उन्होंने कहा, "हम लोगों के लिए हैं, संसद की कार्यवाही को बाधित करके हम लोगों का दिल नहीं जीत सकते। सभी पार्टियों को राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना चाहिए और राष्ट्र की प्रगति के लिए अथक परिश्रम करना चाहिए।"

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी नेताओं को सरकार के साथ सहयोग करने; 2022 तक नया भारत बनाने तथा "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास" के सही अर्थ को हासिल करने का आह्वान किया। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार सभी राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार करती है और संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार है।

बैठक के दौरान विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने कई मुद्दे सामने रखे। बिना रूकावट के संसद के दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए तथा रचनात्मक चर्चा के माध्यम से गतिरोध समाप्त करने के लिए सभी पार्टियों के नेताओं में आम-सहमति थी।

बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय संसदीय मामले, कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार ने सभी दलों विशेषकर विपक्षी पार्टियों से संसद के दोनों सदनों के सुचारु कामकाज के लिए सहयोग का अनुरोध किया है। जोशी ने बैठक में प्रधानमंत्री की दो नई पहलों के बारे में जानकारी दी।

जोशी ने कहा कि संसद में सभी पार्टियों के सदस्यों में दल-भावना के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के प्रारंभ होने के अवसर पर दो नई पहलों का प्रस्ताव रखा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 जून को संसद में प्रतिनिधित्व देने वाले सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है तथा 20 जून को सभी संसद-सदस्यों को आमंत्रित किया है। इन बैठकों में शामिल होने वाले नेता सरकार के साथ खुली बातचीत कर सकते हैं और विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इस नयी शुरुआत से सभी संसद-सदस्यों में टीम भावना का विकास होगा और इससे संसद की सुचारु कार्यवाही सुनिश्चित होगी।

आगामी बजट सत्र के बारे में जानकारी देते हुए जोशी ने बताया कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून, 2019 (सोमवार) और राज्यसभा का 249वाँ सत्र 20 जून, 2019 (शुक्रवार) को शुरु होने जा रहा है। सरकारी कामकाज के शर्तों के अधीन, सत्र 26 जुलाई, 2019 (शुक्रवार) को समाप्त हो सकता है। सत्र के दौरान 40 दिनों की अवधि में लोकसभा की 30 बैठकें और 37 दिनों की अवधि में राज्यसभा की 27 बैठकें आयोजित होंगी।

सत्र मुख्य रूप से शपथ ग्रहण, लोकसभाध्यक्ष का चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव, केन्द्रीय बजट 2019-20 से संबंधित वित्तीय कामकाज के लिए समर्पित होगा। हालांकि सत्र के दौरान आवश्यक विधायी और गैर-विधायी कार्यों के लिए भी समय प्रदान किया जाएगा।

भारतीय संविधान की धारा 356 के अर्न्तगत राष्ट्रपति द्वारा जम्मू व कश्मीर के संबंध में 19 दिसंबर, 2018 को जारी किए गए उद्घोषणा के विस्तार 2019 तक मंजूर किया जाना आवश्यक है।

भारत का आर्थिक सर्वेक्षण, 4 जुलाई, 2019 (गुरुवार) को संसद में पेश किया जाएगा। 2019-20 का केन्द्रीय बजट 5 जुलाई, 2019 (शुक्रवार) को लोकसभा में प्रातः 11:00 बजे पेश किया जाएगा।

अंतर-सत्र अवधि के दौरान 10 अध्यादेशों की घोषणा हुई है। इनके स्थान पर संसद के अधिनियम पारित किए जाएंगे क्योंकि नए संसद-सत्र प्रारंभ होने के छह सप्ताहों अर्थात् 1 अगस्त, 2019 के बाद ये स्वतः समाप्त माने जाएंगे।

16वीं लोकसभा के सत्रावसान होने से 46 विधेयकों की अवधि समाप्त हो गई जो विभिन्न चरणों में दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तावित थे। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पुनः संसद के पटल पर रखा जाएगा।

सर्वदलीय बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, संसदीय कार्य, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा संसदीय कार्य तथा विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन व अन्य नेता उपस्थित थे।

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