प्रधानमंत्री ने साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मे लन-2017 का उद्घाटन किया
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया।इस अवसर पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी और कानून तथा विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद, दूरसंचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा, पर्यटन, इलेक्ट्रोनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के.जे.अल्फोंस तथा अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन के महासचिव हॉउ लीन झाओ तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने उमंग एप भी लॉन्च किया।इसका उद्देश्य एक ही मोबाइल एप पर 162 सरकारी सेवाओं को लाना है, ताकि हमारे नागरिकों के मोबाइल फोन पर सरकार सेवाओं की पहुंच हो सके।
उमंग एक नजर में –
सभी सरकारी सेवाओं में एकरूप यूजर सहज इंटरफेस
33 विभागों की 162 सेवाएं/एप्लीकेशन तथा चार राज्य
केन्द्र राज्य तथा उपयोगिता सेवाओं से 1200 से अधिक विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंच के लिए एक मात्र मोबाइल एप
13 भारतीय भाषाओं में समर्थित और मांग पर उपलब्ध
यूएसएसडी के माध्यम से बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले फीचर फोनों को जल्द समर्थन
यह पांचवां जीसीसीएस सम्मेलन है।इसका थीम सभी के लिए साइबर : सतत विकास के लिए सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस है।इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय नीति निर्धारक, उद्योग विशेषज्ञ, विचारक तथा साइबर विशेषज्ञ साइबर स्पेस से संबंधित विषयों और वांछित उपयोग की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक साइबर नीति में समावेशन तथा मानव अधिकारों के महत्व को प्रोत्साहित करना है।
इलेक्ट्रोनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार का मौलिक दर्शन सबका साथ, सबका विकास है।डिजिटल भारत टेक्नोलॉजी का उपयोग करके समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रहा है।डिजिटल भारत के हमारे प्रधानमंत्री के विजन ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति को नया दृष्टिकोण प्रदान किया है।भारत का डिजिटल विकास सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी से लेकर 1.3 बिलियन लोगों को डिजिटल रूप में आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने तक हुआ है।
प्रसाद ने कहा कि समावेशी विकास में सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार और सेवा डिलीवरी प्रणाली में चोरी थी।जन-धन बैंक खाता – आधार, डिजिटल पहचान और मोबाइल फोन की तिकड़ी ने इस समस्या का कारगर समाधान किया है।वित्तीय लाभों को गरीब लोगों के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रदान करने से 515 मिलियन लोगों को लाभ हुआ है और पिछले तीन वर्षों में करदाताओं के 9 मिलियन डॉलर की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक साइबर चुनौती पीस-ए-थॉन के विजेताओं को सम्मानित किया।पीस-ए-थॉन में भारत तथा अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया तथा अल्जीरिया की सैंकड़ो टीमें शामिल हुई।
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