अंतर्राष्ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस' का नाम बदलकर 'अंतर्राष्ट्रीय विशेष योग्‍यजन दिवस' रखना चाहिए : उपराष्ट्रपति

The Vice President, M. Venkaiah Naidu presenting the National Award for the Empowerment of Persons with Disabilities (Divyangjan), on the occasion of the International Day of Persons with Disabilities, in New Delhi on December 03, 2019. The Union Minister for Social Justice and Empowerment, Thaawar Chand Gehlot, the Ministers of State for Social Justice & Empowerment, Krishan Pal Gurjar and the Secretary, DEPwD, Shakuntala Doley Gamlin are also seen.
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आसान बुनियादी सुविधायुक्‍त निर्माण सर्वोपरि है : उपराष्‍ट्रपति

स्कूलों को उनके शुरूआती जीवन में बच्चों के बीच दिव्‍यांगों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करनी चाहिए : उपराष्‍ट्रपति

दिव्‍यांग बनाने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा और कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाने का आह्वान किया

दिव्‍यांगों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदलना महत्वपूर्ण है : उपराष्‍ट्रपति

दिव्‍यांगों के विषय पर अच्छे सिनेमा को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता : उपराष्‍ट्रपति

नई दिल्ली अंतर्राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस पर राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण पुरस्‍कार प्रदान करने के बाद लोगों को आज नई दिल्‍ली में संबोधित करते हुए, उपराष्‍ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि इस दिवस का नाम बदलकर 'अंतर्राष्‍ट्रीय विशेष योग्‍यजन दिवस' किया जाना चाहिए। इससे विशेष सक्षमजनों की अपार क्षमताओं का पता चलेगा और दिव्‍यांगता के प्रति समाज की सोच भी बदलेगी। उन्‍होंने कहा, 'निश्चित तौर पर हुए बहुत से लोगों के लिए अनुकरणीय है और सही वातावरण एवं अवसर मिलने पर हुए राष्‍ट्र निर्माण में काफी योगदान कर सकते हैं।'

भिन्‍नत: योग्‍यजनों की गंभीर सामाजिक एवं आर्थिक स्थितियों के बारे में चिंता व्‍यक्‍त करते हुए, नायडू ने कहा कि हमें एक समावेशी समाज का निर्माण करना चाहिए, जो भिन्‍नत: योग्‍यजनों की जरूरतों के प्रति आदर और संवेदनशीलता रखता है।

उन्‍होंने देश के ग्रामीण हिस्‍सों में गर्भवती माताओं और बच्‍चों को सही पोषण और देखभाल के साथ-साथ बेहतर और पहुंच योग्‍य स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।

उन्‍होंने कहा कि शुरूआत में दिव्‍यांगता की पहचान करना महत्‍वपूर्ण है। इससे प्रभावित लोगों के पुनर्वास एवं सशक्तिकरण के लिए प्रभावी उपाय किये जा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि कम से कम जिला स्‍तर पर समुचित पुनर्वास प्रारूप सहित टीकाकरण और रोग निरोधक कार्यक्रमों को सामंजस्‍यपूर्ण बनाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि पोलियो का उन्‍मूलन करना ऐसे समन्वित प्रयासों का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है।

उन्‍होंने कहा कि दुर्घटनाओं के कारण उत्‍पन्‍न होने वाली दिव्‍यांगताओं में कमी लाने के उद्देश्‍य से, सड़क सुरक्षा एवं कार्यस्‍थल पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है।

उपराष्‍ट्रपति ने दिव्‍यांगता के विषय पर कई सराहनीय फिल्‍में बनाने को लेकर मुख्‍य धारा के भारतीय सिनेमा की सराहना करते हुए कहा कि यह अच्‍छी बात है और दिव्‍यांगता के बारे में लोगों की सोच बदलने के लिए इसे और भी अधिक प्रोत्‍साहित करने की जरूरत है।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री कृष्‍णपाल गुर्जर, सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री रामदास अठावले, सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री रतन लाल कटारिया और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी उपस्थित थे।

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