हमारी सरकार समावेशी, संपूर्ण और सतत उच्च आर्थिक वृद्धि के प्रति संकल्पबद्धः धर्मेन्द्र प्रधान

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नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि भारत हाल के वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत सकारात्मक स्‍थान बन कर उभरा है। आज नई दिल्ली में डब्ल्यू एलपीजीए 2019 एशिया एलपीजी समिट का उद्घाटन करते हुए मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मजबूत अर्थव्यवस्था और सहयोगपूर्ण नीतिगत वातावरण के साथ हमारी सरकार समावेशी, संपूर्ण और सतत उच्च आर्थिक वृद्धि के प्रति संकल्पबद्ध है। एक कल्याणकारी राष्ट्र होने के नाते हम कतार में खडे अंतिम व्यक्ति के जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना 2022 तक सभी को किफायती आवास उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है, जिनमें से प्रत्येक आवास शौचालय, बिजली के कनेक्शन, एलपीजी, पेयजल से युक्त होगा और सभी का जनधन योजना के तहत बैंक खाता होगा।

मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मई 2016 में 5 करोड़ डिपॉजिट फ्री एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य के साथ शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत पहले से ही समाज के वंचित वर्गों के 6 करोड़ से अधिक वर्गों को कवर कर किया जा चुका है और अगले वित्तीय वर्ष तक इसके तहत 8 करोड़ को कवर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएमयूवाई अब एक सार्वभौमिक योजना है, जिसमें सभी गरीब परिवारों को शामिल किया गया है।

मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सभी के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब 90% आबादी के लिए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध हैं, जो 2014 में सिर्फ 55% आबादी के लिए उपलब्ध थे। उन्होंने कहा कि पारंपरिक ईंधनों के कारण प्रदूषण फैलता है और स्‍वास्‍थ्‍य प्रभावित होता है। एलपीजी को ईंधन के रूप में अपनाने से न केवल महिलाएं सशक्त बनी हैं, बल्कि उनके परिवारों की भी आंतरिक प्रदूषण से रक्षा हुई है। उन्‍होंने कहा कि भारत एलपीजी का दूसरा सबसे बड़ा आयातक बन चुका है। पीएमयूवाई के सफल कार्यान्वयन की विभिन्न बहुपक्षीय एजेंसियों और विकसित देशों ने सराहना की है और इसने विकासशील देशों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह योजना स्वास्‍थ्‍य और सम्मान का माध्‍यम बनी है, जो स्व-राज के लिए महत्वपूर्ण है। इस योजना ने समाज के निचले वर्ग की जरूरतें पूरी की हैं। मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उज्ज्वला पंचायतों का जिक्र किया जिनमें अब तक एक करोड़ लाभार्थियों ने भाग लिया है। ये उज्ज्वला पंचायतें सुरक्षा, अनुभव साझा करने और बहुमूल्य प्रतिक्रिया प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सबसे बड़ी डीबीटी योजना- पहल का कार्यान्‍वयन किया है जिसके माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गिवइटअप (Giveitup) का आरंभ किया जिसने लोगों को सच्‍चे दिल से सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित किया और इससे हुई बचत का उपयोग विकासात्मक गतिविधियों के लिए किया गया। उन्‍होंने पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की और सहयोगपूर्ण प्रयासों पर जोर दिया।

उद्घाटन सत्र के दौरान पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव डॉ. एम.एम.कुट्टी, डब्ल्यूएलपीजीए के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी जेम्स रॉकाल और डब्ल्यूएलपीजीए के अध्यक्ष एवं अल्‍ट्रागेज, ब्राज़ील के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी पेट्रो जॉर्ज फिल्‍हो ने भी अपने विचार प्रकट किए। मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस विषय पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

एशिया एलजी समिट का आयोजन वर्ल्‍ड एलपीजी एसोसिएशन (डब्ल्यूएलपीजीए) द्वारा किया जा रहा है जो पूर्ण एलपीजी मूल्य श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करने वाले वैश्विक एलपीजी उद्योग की आवाज है। एसोसिएशन का प्राथमिक लक्ष्य अच्छे व्यवसाय और सुरक्षा पद्धतियों के अनुपालन को भी बढ़ावा देते हुए एलपीजी के लिए प्रीमियम मांग को बढ़ाकर इस क्षेत्र का मूल्‍य वर्धन करना है। डब्ल्यूएलपीजीए इस उद्योग की एक, अनेक या सभी गतिविधियों में शामिल 125 से अधिक देशों में सक्रिय 200 से अधिक निजी और सार्वजनिक कंपनियों को एक मंच पर लेकर आया है। यह अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी विकसित करता है और स्थानीय और वैश्विक स्‍तरों पर परियोजनाओं को कार्यान्वित करता है। एसोसिएशन की स्‍थापना 1987 में की गई थी और 1989 में इसे संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के साथ विशेष परामर्शदात्री दर्जा प्रदान किया गया था।

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