अनुप्रिया पटेल ने नेशनल बायोमैटिरियल केन्‍द्र का उद्घाटन किया

नई दिल्ली :स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ऑर्गनाइजेशन (एनओटीटीओ) में नेशनल बायोमैटिरियल केन्द्र (नेशनल टिशू बैंक) का उद्घाटन किया। इस केन्द्र का मुख्य उद्देश्य मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पाटना और विभिन्‍न टिशुओं की उपलब्‍धता के साथ गुणवत्‍ता सुनिश्चित करना है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि भारत में मुख्‍य रूप से जीवित लोग अंगदान कर रहे हैं और करीब केवल 23 प्रतिशत प्रत्‍यारोपण मृत व्‍यक्तियों से प्राप्‍त अंगों द्वारा किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि जीवित अंगदान करने वालों के बजाय मृत अथवा घायल व्‍यक्तियों के अंगदान को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि अंगों के व्‍यावसायिक व्‍यापार के खतरे और जीवित दान दाता के स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी खतरे से बचा जा सके।
स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें समझदारी के साथ बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलानी चाहिए कि एक जीवित व्‍यक्ति केवल एक व्‍यक्ति का जीवन बचा सकता है जबकि एक घायल अथवा मृत दान दाता अपने प्रमुख अंगों को दान करके नौ लोगों का जीवन बचा सकता है। अंगदान को बढ़ावा देने के अलावा यह महत्‍वपूर्ण है कि अंग प्रत्‍यारोपण के लिए बुनियादी ढांचे और सरकारी अस्‍पतालों की क्षमता में सुधार किया जाए ताकि गरीबों और जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।
इस पहल के लिए सफदरजंग अस्‍पताल को बधाई देते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इससे प्रेरणा लेकर अधिक से अधिक सरकारी अस्‍पतालों को आगे आना चाहिए और भारत के गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लाभ के लिए अंग प्रत्‍यारोपण का काम करना चाहिए।
राष्‍ट्रीय स्‍तर का टिशू बैंक टिशू प्रत्‍यारोपण की मांग को पूरा करेगा। इसमें इसकी खरीद, भंडारण और बायोमैटिरियल का वितरण पूरा करना शामिल है। केन्‍द्र एक दान दाता से दूसरे व्‍यक्ति के शरीर में टिशू प्रत्‍यारोपित करने पर विशेश ध्‍यान देगा जिसमें हड्डी और हड्डी उत्‍पाद यानि डीप फ्रोजन बोन एलोग्राफ्ट, फ्रीज ड्राइड बोन एलोग्राफ्ट, डोवल एलोग्राफ्ट, एएए बोन, ड्यूरामेटर, फेशियलअटा, फ्रेश फ्रोजन ह्यूमन एम्‍नीयोटिक मेमब्रेन, हाई टेम्‍प्रेचर ट्रीटेड बोर्ड केडावरिक जॉईन्‍ट्स जैसे घुटना कूल्‍हा और कंधे, केडावरिक क्रेनियम बोन ग्राफ्ट, लूज बोन सेग्‍मेंट, विभिन्‍न प्रकार के बोवाइन एलोग्राफ्ट, त्‍वचा ग्राफ्ट, कॉर्निया, दिल के वॉल्‍व और वैसल शामिल हैं। केन्‍द्र अन्‍य टिशुओं को भी धीरे – धीरे शामिल करेगा।
केन्‍द्र के क्रिया कलापों में टिशु की खरीद और वितरण के लिए समन्‍वय, दान में मिले टिशु की स्‍क्रीनिंग, टिशु हटाना और उसका भंडारण, टिशु का संरक्षण, टिशु की प्रयोगशाला जांच, कीटाणुशोधन, रिकॉर्डों का रख रखाव, आंकड़ों को सुरक्षित रखना और गोपनीयता, टिशु का गुणवत्‍ता प्रबंधन, टिशु के बारे में मरीज की जानकारी, दिशा निर्देशों को आगे बढ़ाना, अन्‍य टिशु बैंकों के पंजीकरण की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण और सहायता शामिल है।
इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य सेवा महानिदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव, डॉ. सुधीर कुमार और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय तथा एनओटीटीओ के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे।

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