आज ही के दिन विमान दुर्घटना में हुई थी संजय गांधी की मौत

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नई दिल्ली। आज ही के दिन 23 जून 1980 की सुबह एक विमान दुर्घटना में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी का निधन उस हो गया था, जब वे दिल्ली फ्लाइंग क्लब के सदस्य संजय गांधी एक नया एयरक्राफ्ट उड़ा रहे थे। अचानक उनका कंट्रोल खत्म हो गया और उस हादसे में उनकी मौत हो गई। इस दौरान उनके एकमात्र यात्री कैप्टन सक्सेना की भी मौत हो गई थी। मौत के समय संजय गांधी की उम्र केवल 34 वर्ष थी।

जिस समय संजय गांधी की मौत हुई थी, उस समय वेे भारत की राजनीति का एक बड़ा चेहरा थे। सत्ता की बागडोर भले ही इंदिरा गांधी के हाथ में थी, लेकिन बड़े फैसलों के पीछे संजय गांधी ही होते थे। संजय गांधी को इंदिरा गांधी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था, लेकिन उनकी मृत्यु से देश की सियासी हवाएं पूरी तरह बदल गईं थी।

संजय का राजनीतिक जीवन विवादित रहा। जब 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया, तो उस समय पर्दे के पीछे से देश की कमान संजय गांधी के हाथों में थी। 1976 में संजय गांधी ने नसबंदी कार्यक्रम चलाया था। बताया जाता है कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए लोगों को जबर्दस्ती पकड़कर नसबंदी की गई। इसके लिए कांग्रेस की खूब आलोचना भी हुई थी। सरकार के इस फैसले को किसी ने सख्ती से लागू किया है तो वो संजय गांधी ही थे। स्वभाव से सख्त और फैसले लेने में फायरब्रांड कहे जाने वाले संजय गांधी ने इस मौके को खूब भुनाया और राजनीति में अपना कद काफी बड़ा कर लिया था।

आलोचक संजय गांधी को तानाशाह और बेसब्र इंसान बताते थे। उनका समर्थन करने वाले संजय गांधी को मैन ऑफ एक्शन, विजनरी और वर्कोहोलिक कहते थे। आपातकाल के दौरान भी उनकी भूमिका विवादित रही।

संजय गांधी का जन्म 14 दिसम्बर 1946 को हुआ था। संजय की शुरूआती शिक्षा देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल में हुई थी। संजय गांधी ने ऑटोमोटिव इंजिनियरिंग की पढ़ाई की और इंग्लैंड स्थित रॉल्स रॉयस (ब्रिटिश लग्जरी कार कंपनी) में 3 साल के लिए इंटर्नशिप भी किया। उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद पायलट लाइसेंस भी प्राप्त किया था। 70 के दशक को संजय गांधी की वजह से काफी यादगार माना जाता है। उनकी तेज तर्रार शैली और दृढ़ निश्चयी सोच की वजह से वो देश की युवाओं के बीच काफी फेमस थें और उन्हें युवा नेता भी माना जाता था। संजय गांधी अपनी सादगी और स्पष्ट विचारों वाले भाषण के लिए भी जाने जाते थे।

संजय गांधी के बारे में कहा जाता है कि वो प्लेन में भी कोल्हापुरी चप्पल पहनते थे, जिसके लिए राजीव गांधी उन्हें बार-बार चेतावनी दी जाती थी कि संजय उड़ान से पहले चप्पल नहीं, बल्कि पायलट वाले जूते पहनें। हालांकि संजय उनकी सलाह पर कोई ध्यान नहीं देते थे।

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