केजरीवाल ने वोट के बदले धोखा दिया जब तक बटला हाऊस एनकाउंटर की जांच नही होती संघर्ष जारी रहेगा : आमिर रशादी

केजरीवाल ने वोट के बदले धोखा दिया जब तक बटला हाऊस एनकाउंटर की जांच नही होती संघर्ष जारी रहेगा : आमिर रशादी
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दिल्ली । आज 19 सितम्बर को बटला हाउस फर्जी एनकाउंटर कि ग्यारहवीं बरसी के मौके पर इस एनकाउंटर की SIT जांच और आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली चुनाव से पहले मुसलमानों से किये गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल के हजारों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाल कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव किया ।






राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के मार्च की शुरूआत कश्मीरी गेट से हुई जहां से हजारों कार्यकर्ता अपने हाथों में नारे लिखे बैनर व तख्ती लिये पैदल मार्च निकाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घेराव करने के लिए उनके आवास पहुंचे और वहां धरना दिया ।





धरने को सम्बाधित करते हुए राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि 2008 में दिल्ली में हुए सीरियल बम धमाको के 6 दिन बाद तत्कालीन काँग्रेस सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा मुस्लिम नौजवानो को फंसाने की नियत से साजिश रच कर 19 सितम्बर , 2008 को दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाऊस में फर्जी मुठभेड़ के दौरान दो बेकसुर मुस्लिम नौजवान आतिफ व साजिद को मौत के घाट उतार दिया गया और साथ ही एक जांबाज़ पुलिस इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की भी मौत हुई जिसका सच भी आज तक सामने न आ सका ।







यही नही,अनेक मुस्लिम नौजवानों को इस केस में फंसा कर उनकी जिंदगी बरबाद कर दी गई ।
इस फर्जी एनकाउंटर खिलाफ राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने आज़मगढ़ से लेकर दिल्ली तक जोरदार विरोध दर्शाया था और मांग की थी कि इस काण्ड की न्याययिक जांच कराई जाए ताकि दो नौजवानों के साथ ही एक होनहार पुलिस अफसर के कत्ल का सच सामने आ सके जिसे ना सिंफ मुसलमानो अपितु मुल्क के हर न्यायप्रिय नागरिकों की सहमती मिली और हर दिशा से न्याययिक जांच के लिए आवाज़े उठने लगी लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन केंद्रीय सरकार ने इस एनकाउंटर की जन लोकपाल की न्याययिक जांच न कराकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया । जब कि देश में प्रचलित क्रीमिनल प्रोसीजर कोड CrPC की धारा 176 के खुद कहती है कि किसी भी प्रकार के पुलिस टकराव में हत्या की किसी भी घटना की जांच मजिस्ट्रेट के द्वारा करवाना अनिवार्य है,अगर पुलिस ऐसी हत्या में एक फरीक है तो पुलिस के अतिरिक्त किसी अन्य एजेंसी द्वारा जांच करवाई जाएगी । इसी सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी गाइड लाइन जारी की है जिसके अनुसार किसी भी एनकाउंटर का न्याययिक जांच कराया जाना अनिवार्य करार दिया गया है ।







इन सब के बावजूद बटला हाउस एनकाउंटर केस में आरम्भ से ही कानून की धज्जियां उड़ाई गई , एक बहादुर पुलिस अफसर एवं दो प्रतिभावान छात्रों की मौत हुई परन्तु कांग्रेस की न तो केन्द्र न राज्य सरकार ने इस काण्ड की जांच करवाना मुनासिब समझा क्योंकि तत्कालीन शासन व प्रशासन ने मिलकर ही दिल्ली ब्लास्ट के असल मुजरिमों को पकड़ने में अपनी असफलता को छुपाने व ब्लास्ट के दिन तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल के द्वारा चंद घटों में 3 जोड़ा कपड़े बदलने पर हुई सरकार की किरकिरी से बचने के लिए इस साजिश को रचा वरना अगर एनकाउंटर सही था तो जांच में भी तो वही सच निकलकर सामने आता ।






उन्होंने ने सवाल किया कि देहरादून के रणवीर एनकाउंटर तथा पटना के छात्रों का एनकाउंटर समेत अन्य फर्जी पुलिस एनकाउंटर की जब जांच (इन्क्वायरी ) हो सकती है और इनमें सरकार ,पुलिस व जांच ऐजेन्सीयों का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है कि किस तरह ये एजेंसीयां फर्जी एनकाउंटर करती हैं तो आखिर बटला हाऊस एनकाउंटर की जांच क्यों नही ?







उन्होंने कहा कि कांग्रेस बटला हाउस एनकाउंटर के नाम पर ही सत्ता से बाहर चली गई तो वही आम आदमी पार्टी बटला हाउस एनकाउंटर के नाम पर ही सत्ता में आ गई परन्तु बटला हाउस एनकाउंटर की जांच कराने और आतंकवाद के आरोप में बन्द बेगुनाह मुसलमानों के मुकदमों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बैठाने तथा दोषी अफसरान के विरूद्ध कार्यवाही करने व शिक्षा व वक्फ जैसे मुसलमानों से जुड़े अन्य मुददों पर लुभावने वादे कर अरविन्द केजरीवाल ने मुसलमानों का एकतरफा सत्ता पर कब्ज़ा तो जमा लिया पर सरकार बनते ही मुसलमानों को भुला बैठे ।
आज सरकार को बने 4 साल से अधिक गुजर जाने के बाद भी अभी तक आप सरकार द्वारा मुसलमानों के लिए न तो अपने घोषणा पत्र के किसी वादे को पूरा किया गया है और न ही केजरीवाल के खुद की जबान से किये गए बटला हाउस एनकाउंटर की जांच कराने के वादे को पूरा किया गया है,आज बटला हाउस एनकाउंटर की बरसी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव कर हम उन्हे याद दिलाने आए हैं कि मुसलमान अब सेकुलरिज्म के नाम पर कांग्रेस - आप जैसे दलों की गुलामी नहीं करेगा बल्कि अपनी आवाज़ खुद उठाएगा और अगर केजरीवाल जल्द ही 84 के सिख दंगों के लिए गठित SIT की तर्ज पर बटला हाउस इन्काउन्टर की जांच के लिए भी SIT के गठन का एलान या स्वतंत्र न्याययिक जांच का आदेश नहीं करते और अन्य वादों को नही पूरा करते तो मुसलमाने अगर उन्हे मुख्यमंत्री बना सकता है तो उस कुर्सी से उतारना भी जानता है ।







केन्द्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होने कहाकि प्रधानमंत्री ' सबका साथ सबका विकास ' की बात करते हैं पर क्या सबका साथ सबका विकास सबको न्याय के बिना संभव है ? हम लगातार 2014 से भाजपा की केन्द्र सरकार से भी मांग कर रहे हैं कि वह अपने इस नारे को सच साबित करते हुए आगे आए और बटला हाउस एनकाउंटर की न्याययिक जांच का आदेश दे क्योंकि यह मांग सिर्फ एक क्षेत्र विशेष के मुसलमानों की नही बल्कि पूरे देश के मुसलमानों के सम्मान , अस्मिता और अस्तित्व पर लगाए गए कलंक को धुलने की है परन्तु भाजपा के सांसद / मंत्री और नेता इस नारे के इतर आए दिन नफरत फैलाने वाले बयान देकर देशप्रदेश में भय और सांप्रदायिकता का माहौल पैदा करने की कोशिश में लगे हुए हैं ।राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल अपना संघर्ष तब तक जारी रखेगी जब तक सरकार हमे इन्साफ नही देती ।
धरने को कौन्सिल के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना ताहिर मदनी , राष्ट्रीय सचिव ठाकुर अनिल सिंह , दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सैयद नुरूल्लाह , नुरूल हुदा अन्सारी व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों आदि ने भी सम्बोधित किया तथा मुरसलीन , मुबारक खान , नन्दी , जमाल अहमद , निसार अहमद , मतीउद्दीन , अन्सार अहमद , हाजी शकील , चन्दन यादव , दीपक भारती , इक्बाल अन्सारी , आदि हजारों की तादाद में कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

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