KBC में दिखेंगे मौत को गच्चा देने वाले परमवीर चक्र विजेता

KBC में दिखेंगे मौत को गच्चा देने वाले परमवीर चक्र विजेता

बुलंदशहर। कारगिल युद्ध में अपनी जान की बाजी लगाकर भारत मां की रक्षा करने वाले परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव 22 जनवरी को 'कौन बनेगा करोड़पति' में दिखेंगे। दुश्मन की गोलियां खाने के बाद भी भारत मां के सच्चे सपूत ने कारगिल की चोटी पर भारत की आन-बान-शान तिरंगा लहराया था और दुश्मन को लोहे के चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। उनके शौर्य के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें परमवीर चक्र देकर सम्मानित किया गया था।

ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव (वर्तमान सूबेदार मेजर) भारतीय सेना के जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर (जेसीओ) हैं। उन्हें कारगिल युद्ध के उनके द्वारा दिखाये गये शौर्य, पराक्रम के लिए उच्चतम भारतीय सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। 19 वर्ष की आयु में परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव सबसे कम उम्र के सैनिक हैं।

भारत माता के सच्चे सपूत योगेन्द्र सिंह यादव ने 10 मई 1980 को बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद के अहिर गांव में करण सिंह यादव के यहां जन्म लिया था। उनके पिता भी कुमाऊं रेजीमेंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। योगेन्द्र सिंह यादव ने मात्र 16 साल 5 माह की उम्र में ही भारतीय सेना में स्थान प्राप्त कर लिया था।

योगेन्द्र सिंह यादव ग्रेनेडियर्स के साथ कार्यरत कमांडो प्लाटून 'घातक' का हिस्सा थे। घातक को 4 जुलाई 1999 के शुरुआती घंटों में टाइगर हिल के तीन सामरिक बंकरों पर कब्जा करने के लिए नामित किया गया था। बंकर 1000 फुट ऊंची चट्टान के शीर्ष पर स्थित थे। योगेन्द्र सिंह यादव स्वेच्छा से चट्टान पर चढ़ने लगे। आधे रास्ते में दुश्मन ने मशीनगन और राॅकेट से फायरिंग कर दी। इसमें प्लाटून कमांडर और दो अन्य शहीद हो गए। अपने गले और कंधे में तीन गोलियों के लगने के बावजूद योगेन्द्र सिंह यादव शेष 60 फीट चढ़कर शीर्ष पर पहुंच गये। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वह पहले बंकर में घुसे और चार पाकिस्तानियों को ढेर कर दिया। इस दौरान बाकी प्लाटून को चट्टान पर चढ़ने का मौका मिल गया।

इसके बाद योगेन्द्र सिंह यादव ने अपने दो साथी सैनिकों के साथ दूसरे बंकर पर हमला किया और चार पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर दी। उनकी प्लाटून ने टाइगर हिल पर कब्जा कर लिया।

सबसे खास बात यह है कि ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव के लिए परमवीर चक्र की घोषणा मरणोपरांत की गई थी, लेकिन जल्द ही पता चला कि वह अस्पताल में सुधार की हालत में हैं और जीवित हैं। जान की बाजी लगा कर देश की सेवा करने के कारण भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया था, किन्तु बाद में उन्हें बचा लिया गया।

वीर, साहसी, जाबांज सूबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव अब कौन बनेगा करोड़पति में 22 जनवरी को दिखाई देंगे। बताया जाता है कि यदि सूबेदार मेजर कौन बनेगा करोड़पति में इनाम की राशि जीतते हैं, तो वे 25 लाख रुपए भारतीय सेना के वेलफेयर फंड में दान देंगे।

रिपोर्टः प्रवीण गर्ग

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