नई आबकारी नीति से 34500 करोड के राजस्व का अनुमान-संजय आर भूसरेड्डी

नई आबकारी नीति से 34500 करोड के राजस्व का अनुमान-संजय आर भूसरेड्डी

लखनऊ। प्रदेश की मंत्री परिषद की बैठक में वर्ष 2021-22 की आबकारी नीति को अनुमोदित कर दिया गया है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आबकारी एवं चीनी उद्योग और गन्ना विकास एवं उत्पाद शुल्क विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि वर्ष 2020-21 में अनुमानित राजस्व रू .28,340 करोड़ के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में रू .34,500 करोड़ का राजस्व संभावित है। देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर एवं भांग की फुटकर दुकानों और माडल शॉप का वर्ष 2021-22 हेतु नवीनीकरण अनुमन्य होगा । वर्ष 2020-21 में कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अप्रैल 2020 से जून 2020 के त्रैमास की अवधि, नवीनीकरण प्रक्रिया की अर्हताओं के निर्धारण में सम्मालित नहीं होगी । ऐसी दुकानें ( बीयर को छोड़कर ) जिनके द्वारा माह जुलाई , 2020 से माह मार्च , 2021 तक की अवधि हेतु निर्धारित कुल एम.जी.क्यू. कुल राजस्व के समतुल्य की निकासी से अधिक निकासी ली जायेगी वर्ष 2021-22 हेतु नवीनीकरण के लिये अंतिम रूप से अर्ह होंगी। बीयर की वर्ष 2020-21 में व्यवस्थित समस्त दुकानें नवीनीकरण हेतु अर्ह होंगी। नवीनीकरण से अवशेष फुटकर दुकानों तथा मॉडल शॉप का व्यस्थापन ई-लाटरी व ई-टेण्डर द्वारा होगा।


वर्ष 2020-21 में व्यवस्थित कुल दुकानों की संख्या के 02 प्रतिशत तक के समतुल्य प्रत्येक श्रेणी में दुकानों के सृजन का अधिकार आबकारी आयुक्त,उ.प्र . को होगा । देशी मदिरा, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों और माडल शॉप की वर्ष 2021-22 हेतु वार्षिक लाइसेंस फीस में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। बीयर की फुटकर दुकान लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई है। उपभोक्ताओं को सस्ती एवं उच्च गुणवत्ता की मदिरा उपलब्ध कराने हेतु ग्रेन ई.एन.ए. से निर्मित उच्च गुणवत्ता युक्त मदिरा यू.पी. मेड लिकर की टेट्रा पैक में बिक्री देशी मदिरा दुकानों से अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य रू .85 - पर अनुमन्य होगी । देशी मदिरा के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई है । -2 वर्ष 2021-22 में विभाग की समस्त प्रक्रियाओं को कम्प्युटराज्ड कर इण्टीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम चालू होगा। फुटकर दुकानों से बिक्री पी.ओ.एस. मशीन से करने की व्यवस्था भी लागू होगी।

प्रदेश में वाइन उत्पादन को प्रोत्साहन हेतु प्रदेश में उत्पादित फल से प्रदेश में निर्मित वाइन आगामी 5 वर्ष के लिये प्रतिफल शुल्क से मुक्त होगी । विन्टनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी। विन्टनरी परिसर में एक वाइन टैवर्न जहाँ वाइन को पसन्द करने वालों को वाइन टेस्टिंग की अनुमति होगी , स्थापित किया जा सकेगा । 90 एम.एल. की बोतलों में विदेशी मदिरा की बिक्री रेगुलर श्रेणी में भी अनुमन्य होगी । कम तीव्रता के मादक पेय ( एल.ए.बी. ) की बिक्री बीयर की दुकानों के अतिरिक्त विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों , माडल शाप , एवं प्रीमियम रिटेल वेण्ड में भी अनुमन्य होगी । बीयर की एम.आर.पी. पडौसी राज्यों से अधिक होने तथा कोविड के कारण बीयर की खपत पर प्रभाव के दृष्टिगत बीयर पर प्रतिफल शुल्क को कम किया गया है । बीयर की शेल्फ लाइफ 09 माह होगी । हवाई अड्डों पर भी प्रीमियम रिटेल वेण्ड अनुमन्य होंगे । प्रीमियम रिटेल वेण्ड पर पृथक कक्ष में केवल वाइन टेस्टिंग अनुमन्य होगी और टेस्टिंग कक्ष में विक्रय प्रतिबंधित होगा। मदिरा सेवन संबंधी एक्सेसरीज की बिक्री भी अनुमन्य होगी । वर्ष 2020-21 में व्यवस्थित बीयर की फुटकर दुकानों को वर्ष 2020-21 के तृतीय एवं चतुर्थ त्रैमास में गत वर्ष के समतुल्य निकासी लिये जाने की अनिवार्यता से छूट होगी । माडल शाप को गत वर्ष दुकान पर ली गयी बीयर की निकासी में सन्निहित राजस्व के समतुल्य निकासी लिये जाने की अनिवार्यता से छूट होगी ।

उत्तर प्रदेश में स्थित कस्टम बाण्ड वेयर हाउस द्वारा अन्य प्रदेशों को समुद्र पार आयातित मदिरा की आपूर्ति पर रू .300- प्रति बल्क लीटर परमिट फीस देय होगी । ईज आफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने हेतु ब्राण्ड पंजीकरण, लेबिल अनुमोदन, बार क्लब एवं माइक्रो ब्रिवरी अनुज्ञापनों का नवीनीकरण प्रत्येक वर्ष के बजाय एक साथ 3 वर्ष हेतु कराने का विकल्प होगा । वर्ष के प्रारम्भिक माहों में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु आगामी वर्ष हेतु विदेशी मदिरा, बीयर एवं वाइन के अग्रिम भण्डारण की अनुमति 15.02.2021 से होगी । वर्ष के प्रारम्भ में मदिरा की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 31 मार्च को अवशेष स्टाक को अगले वर्ष के लिये रोल ओवर प्रक्रिया में सरलीकरण एवं अवशेष स्टाक के निस्तारण में रोल ओवर शुल्क समाप्त कर दिया गया है।


होली के त्योहार के दृष्टिगत देशी मदिरा की नवीनीकृत फुटकर दुकानों पर उपलब्ध अवशेष देशी मदिरा स्टाक को दिनांक 07.04.2021 तक बिक्री करने की अनुमति होंगी । प्रदेश से निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु अन्य प्रदेशों व देश से बाहर निर्यात हेतु ब्राण्ड एवं लेबुल अनुमोदन प्रक्रिया सरलीकृत कर दी गई है। टेण्डमार्क पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया एवं अधिक समय लगने के दृष्टिगत टेण्डमार्क पंजीकरण हेतु प्रस्तुत किये गये आवेदन पर ब्राण्ड पंजीकरण अनुमन्य होगा । एफ.एल. - 2 डी अनुज्ञापन को समाप्त करते हुये समुद्रपार आयातित मदिरा को कस्टम बाण्ड से सीधे थोक अनुज्ञापन को आपूर्ति करने की व्यवस्था लागू होगी । किसी भी जिले की देशी मदिरा , विदेशी मदिरा , बीयर दुकान और माडल शॉप द्वारा अपनी दुकान हेतु निर्धारित मासिक एम.जी.क्यू . अथवा निर्धारित त्रैमासिक राजस्व के समतुल्य निकासी के 20 प्रतिशत से अनधिक अंश को संबंधित जिले की उसी श्रेणी की किसी अन्य दुकान या दुकानों को आपसी सहमति से जिला आबकारी अधिकारी के अनुमोदन के पश्चात स्थानांतरित कराया जा सकेगा । समुद्र पार आयातित विदेशी मदिरा एवं भारत निर्मित स्काच श्रेणी की विदेशी मदिरा के ऐसे ब्राण्ड जिनका अधिकतम खुदरा मूल्य रु .2,000 - अथवा अधिक हो , की मोनोकार्टन में बिक्री अनुमन्य होंगी । परिवहन पासों का मैनुअल पद्धति से सत्यापन एवं वापसी की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। पासों का सत्यापन ऑनलाइन होगा । आसवनियों एवं यवासविनयों को अपने एफ.एल. - 3 या 3 ए अनुज्ञापनों से सीधे जिला स्तरीय थोक अनुज्ञापनों को निकासी अनुमन्य होंगी । एक वाहन के माध्यम से किसी एक जिले के एक से अधिक थोक अनुज्ञापनों को एक श्रेणी की मदिरा के पारेषण अनुमन्य होंगी । वर्तमान में प्रदेश में अल्कोहल की तीव्रता की माप पुरानी प्रचलन विधि हाइड्रोमीटर द्वारा की जा रही है । विभाग की प्रयोगशालाओं में तथा आसवनियों में एन.ए.बी.एल. द्वारा प्रमाणित डिजिटल एल्कोहल मीटर का प्रयोग अनिवार्य होगा । प्रदेश की चीनी मिलों एवं आसवनी उपयुक्त आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अंतिम तिथि 31.12.2021 निर्धारित की गई है। किसी अन्य जिले की सीमा के पाँच किलोमीटर के भीतर , बिना दोनों जिलों के कलेक्टर की सहमति के मदिरा की फुटकर दुकान का लाइसेंस अनुमन्य नहीं होने का प्राविधान समाप्त कर दिया गया है । माइक्रो ब्रिवरी का नवीनीकरण अधिकार आबकारी आयुक्त से जिला कलेक्टर को प्रतिनिधायनित किया गया है। नवीनीकृत होने वाली दुकानों के नाम परिवर्तन करने हेतु जिला कलेक्टर अधिकृत किये गये है।


निजी प्रयोग हेतु व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय , परिवहन एवं निजी कब्जे में निर्धारित शर्तों के अधीन रखने हेतु प्रत्येक वर्ष रू .12,000- लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति धनराशि रू .51,000 - निर्धारित की गई है । नशे के दुष्प्रभावों एवं संयमित मदिरा सेवन के संबंध में आमजन को जानकारी दिये जाने एवं जागरूकता लाये जाने हेतु विशेष प्रचार अभियान संचालित होगा । इस हेतु प्रभावी अभियान चलाये जाने एवं विभिन्न प्म्ब् गतिविधियों हेतु रू .01 करोड़ का प्राविधान किया गया ।

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