बीते साल 2018 में , प्रशांत की पुलिस सूबे में अव्वल

बीते साल 2018 में , प्रशांत की पुलिस सूबे में अव्वल

मेरठ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जिस प्रकार ना गुंडाराज, ना भ्रष्टाचार का स्लोगन देकर अपनी उपलब्धि साबित की, उसमें कानून व्यवस्था ने सरकार का सीना चैड़ा करने का काम किया। वैसे तो प्रदेशभर में ही सीएम योगी के ऑपरेशन आलआउट को पुलिस अफसरों ने सफल बनाने का काम किया, लेकिन जो काम मेरठ जोन में वर्ष 2018 में किया गया, उसका कोई सानी नहीं रहा। यूपी में चलाये गये अभियान में बदमाशों के साथ एनकाउन्टर में मेरठ जोन सबसे ऊपरी पायदान पर रहा ही,गुड़ पुलिसिंग में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर मील का पत्थर कायम किया। मेरठ जोन एडीजी प्रशान्त कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2018 में मेरठ जोन में 696 एनकाउंटर हुए और 22 बदमाशों को पुलिस ने गोली के बदले गोली से सटीक जवाब देते हुए यमलोक पहुंचाने का काम किया। उत्तर प्रदेश पुलिस के मिशन क्लीन से अपराधियों में भय का माहौल बना, ऐसे में पुलिस के बढ़ते मनोबल ने समाज में भय का भयावह नंगा नाच करने वाले दहशत में आए क्रिमिनल के सामने दो ही रास्ते आज बचे हुए नजर आते हैं या तो वो हथियार डाले या फिर पुलिस की गोली खाने को तैयार रहें। उत्तर प्रदेश पुलिस के इस अभियान में मेरठ जोन पुलिस अपने गुड़वर्क के कारण वर्ष 2018 में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार के नेतृत्व में सबसे ऊपरी पायदान पर बना रहा। 696 एनकाउंटर करने वाले इस पुलिस जोन मेें नौ जनपद में पुलिस कप्तानों ने जो कमाल किये उनका परिणाम तो जिलों में दिखायी दिया, लेकिन इसके लिए रूपरेखा एडीजी जोन प्रशान्त कुमार के कार्यालय में ही बनायी गयी, यही कारण है कि एक सटीक रणनीतिक योजना के तहत ही मेरठ जोन में अपराध उन्मूलन अभियान सफल नजर आता है।

वर्ष 2018 में मेरठ जोन में एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में जोन के नौ जनपदों में 696 एनकाउंटर किये गये। इस अभियान में 1303 अपराधी गिरफ्तार किये गये। मेरठ जोन पुलिस कार्रवाई में 400 बदमाश घायल हुए। वर्ष 2018 मे मेरठ जोन में एडीजी प्रशांत कुमार की तैनाती के दौरान 22 कुख्यात बदमाश मारे गये। इनमें मेरठ जोन के जनपद गाजियाबाद में वर्ष 2018 में बदमाशांे एंव पुलिस के बीच 45 मुठभेड़ हुई जिसमें 30 अपराधी पुलिस की गोली से घायल हुए तो 2 बदमाशों को ऊपर का रास्ता देखना पड़ा जबकि पुलिस की इस कार्यवाही में 18 वर्दी वाले भी जख्मी हुए। इस तरह गाजियाबाद पुलिस ने वर्ष 2018 में पहले अपने कप्तान वैभव कृष्ण तो अब एसएसपी उपेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व 81 कुख्यात इनामी अपराधियों सहित 104 बदमाशों के खिलाफ कार्यवाही की।

जनपद मेरठ के भी इस दौरान 76 बार पुलिस और बदमाशों मेे आमना-सामना हुआ जिसमें 4 बदमाश एनकाउन्टर में ढ़ेर हुए तो 79 बदमाशों को पुलिस की बुलेट से घायल होना पडा हालांकि 13 पुलिस कर्मी भी इस दौरान बदमाशो का निशाना बनकर घायल हुए। 2018 साल में मेरठ पुलिस ने 123 ईनामी अपराधियो के खिलाफ एक्शन लेकर जेल भेजा।

मेरठ रेंज के जनपद गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पुलिस और बदमाशों के बीच 92 बार भिंडत हुई जिसमें 8 पुलिसजन घायल हुए तो जवाबी कार्यवाही में 3 बदमाश एनकाउन्टर में मारे गये। वर्ष 2018 में नोएडा में 99 ईनामी बदमाशो सहित 159 अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही कर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया।

एडीजी प्रशान्त कुमार के नेतृत्व में मेरठ रेंज के बुलन्दशहर जनपद की पुलिस ने बडी कार्यवाही बदमाशो के खिलाफ की। वर्ष 2018 में बुलन्दशहर की पुलिस ने 325 बदमाशों को गिरफ्तार किया जिसमें 67 बदमाश इनामी थे। तथा 115 बदमाश का पुलिस ने गोली से स्वागत कर जेल भेजा। इस कार्यवाही में दो बदमाश दुनिया से चलते बने तो 18 पुलिस के जवान भी घायल हुए। इसी रेंज के जनपद बागपत में भी पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ कार्यवाही जारी रखी। इस जनपद में 33 बार पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें 26 ईनामी बदमाशो सहित 60 बदमाश बडेघर को रवाना हुए इस कार्यवाही में एक बदमाश एनकाउन्टर में मारा भी गया हापुड जनपद में भी 26 ईनामी बदमाशों सहित 43 बदमाश पुलिस कार्यवाही की जद में आये। एक बदमाश पुलिस से मुकाबला करता हुए जिन्दगी दे गया वही 9 बदमाश घायल होकर बडेघर को रवाना कर दिये गये।

मेरठ जोन के मेरठ रेंज के 6 जनपदों की पुलिस ने वर्ष 2018 में बदमाशो के खिलाफ हल्ला बोल जारी रखा। मेरठ रेंज में 428 पुलिस मुठभेड़ में 403 ईनामी सहित 793 बदमाशों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही कर जेल भेजा जिसमें 276 बदमाश पुलिस से मुठभेड में लहुलुहान होकर बडेघर (जेल) भेज दिये गये। मेरठ रेंज मेे इस दौरान 13 बदमाशो को यमलोक पंहुचे तो 58 पुलिसकर्मी भी बदमाशों की गोली से घायल होकर बदमाशो में पुलिस का डर पैदा करने में कामयाब रहे।

मेरठ जोन की दूसरी पुलिस रेंज सहारनपुर में भी वर्ष 2018 में पुलिस और बदमाशो की कभी रात के समय जंगलो में तो कभी सुनसान रास्तो पर धांय-धांय की आवाजो के बीच मुलाकात होती रही इस कार्यवाही में मुजफ्फरनगर जनपद पूरे मेरठ जोन में अव्वल पर रहा , पहले कप्तान अनन्त देव तिवारी की टीम बदमाशों को बदहवास करती रही तो अब एसएसपी सुधीर कुमार सिंह की टीम बदमाशो पर हावी चल रही है। 2018 में मुजफ्फरनगर पुलिस और क्रिमिनलों के बीच 184 बार टकराव हुआ जिसमें 339 बदमाश पुलिस कार्यवाही की चपेट में आये, इसमें 143 बदमाश पुरूस्कार घोषित थे तथा 81 बदमाश पुलिस की जवाबी कार्यवाही में घायल होकर अस्पताल के रास्ते जेल जाकर जेल के अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे है। इस दौरान 3 बदमाश दुनिया से चलते बने तथा 39 पुुलिसकर्मियो को भी अपने फर्ज की खातिर बदमाशांे की गोली खानी पडी।

रेंज मुख्यालय सहारनपुर भी 47 बार पुलिस और अपराधियों के बीच कानून व्यवस्था कायम रखने के चलते मुठभेड हुई। जिसमें 27 बदमाश घायल हुए तो 70 इनामी बदमाश भी पुलिस की गिरफ्त में आ गये इस दौरान 3 बदमाश पुलिस मुठभेड में मारे गये तो 18 पुलिसकर्मी भी कार्यवाही के दौरान घायल हो गये थे।

कभी पलायन को लेकर मशहूर रहे जनपद शामली में भी 37 बार पुलिस और बदमाशों का मुकाबला हुआ जिसमें 16 बदमाश घायल हुए 3 क्रिमिनल की मुठभेड के दौरान मौत हो गयी। 22 इनामी पकडे गये इस जनपद के कैराना में एनकाउन्टर के दौरान सिपाही अंकित तोमर भी बदमाशों की गोली से शहीद हो गये थे। वर्ष 2018 में कुल मिलाकर सहारनपुर रेंज में 286 बार पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड हुुई 235 ईनामी सहित 510 बदमाश जेल भेजे गये। जिसमें 124 बदमाश घायल हुए तो 9 बदमाशों को मौत का मजा चखना पडा।

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