लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महिला शक्ति को किया नजरअंदाज

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महिला शक्ति को किया नजरअंदाज

पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार के लोकसभा चुनाव में महिला शक्ति को नजर अंदाज करते हुये किसी भी महिला को पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाया है।

महिलाओं की हितैषी होने का बढ़चढ़र दावा करने वाली भाजपा ने इस बार बिहार में लोकसभा चुनाव में टिकटों की दावेदारी में महिलाओं की भरपूर उपेक्षा की है। बिहार में इस बार के चुनाव में भाजपा ने किसी भी महिला प्रत्याशी को उम्मीदवार नहीं बनाया है। गौर करने वाली बात है कि शिवहर सीट से भाजपा ने सासंद रमा देवी का भी टिकट काट दिया है। रमा देवी भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार वर्ष 2009, वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में निर्वाचित हुयी हैं।

विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की पुरजोर वकालत करने वाली भाजपा ने इस बार बिहार में होने वाले लोकसभा चुनाव में महिलाओं की कोई सुध नहीं ली। भाजपा की जीती हुई सीट शिवहर इस बार राजग के घटक दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) जदयू के टिकट पर इस बार शिवहर से पूर्व सांसद लवली आनंद चुनावी समर में है।

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला महिला आरक्षण विधेयक पास हो गया है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी। हालांकि जनगणना और परमीसन के बाद महिला आरक्षण विधेयक साल 2029 के लोकसभा चुनाव तक ही लागू हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में तीन महिला सांसद चुनकर आयीं थी। इनमें शिवहर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार रमा देवी, सुपौल से कांग्रेस की रंजीत रंजन और मुंगेर से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की प्रत्याशी वीणा देवी शामिल हैं।वहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बिहार से तीन महिला सांसद चुनी गयी थी। इसमें सीवान संसदीय सीट से जदयू की कविता सिंह, भाजपा की शिवहर संसदीय सीट से रमा देवी और राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से वैशाली संसदीय सीट से वीणा देवी शामिल है।








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