POLICE - फिटनेस के नाम पर जिम संचालक चला रहे थे धीमे जहर की फैक्ट्री

POLICE - फिटनेस के नाम पर जिम संचालक चला रहे थे धीमे जहर की फैक्ट्री

मुजफ्फरनगर। जनपद में एसएसपी अभिषेक यादव ने जीरो ड्रग्स अभियान में बड़ी उपलब्धि हासिल की। उनके द्वारा जिम संचालकों के गोरखधंधे को लेकर मिल रही शिकायतों पर छापामार कार्यवाही कराई गई तो चौकाने वाला खुलासा हुआ। इन जिम संचालकों के द्वारा सुडोल बाॅडी बनाने का सपना दिखाकर युवाओं को पशुओं की दवाईयों के साथ ही प्रतिबंधित इंजेक्शनों के सहारे धीमा जहर दिया जा रहा था। इन दवाईयों को अवैध तरीके से खरीदकर यह जिम संचालक महंगे दामों में युवाओं को बेचकर गुमराह कर रहे थे। इनके प्रभाव से किडनी खराब होने की भी संभावना बन जाती है। इस मामले में तीन थानों की पुलिस ने अभियान के दौरान शहर के पांच जिम संचालकों को गिरफ्तार करते हुए उनके जिम से प्रतिबंधित दवाईयां बरामद की है। पांचों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

रिजर्व पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि विभिन्न सूत्रों से यह खबर मिल रही थी कि जनपद में चलाये जा रहे जिम के संचालक बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थ और प्रतिबंधित दवाईयों का गोरखधंधा चलाते हुए युवाओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस सूचना के आधार पर कार्यवाही करने के लिए ड्रग्स इंस्पेक्टर लवकुश प्रसाद के साथ पुलिस टीमों का गठन किया गया। आज ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा शहर के तीनों थानों कोतवाली नगर, थाना नई मण्डी और थाना सिविल लाइन क्षेत्रों में चलाये जा रहे कई जिम पर छापामार कार्यवाही की। इस कार्यवाही के दौरान जिम संचालकों के पास से जानलेवा प्रतिबंधित दवाईयां बरामद हुई हैं। उन्होंने बताया कि ये जिम संचालक युवाओं को सुडौल और सुन्दर बाॅडी बनाने के सपने दिखाते हुए इन दवाओं को महंगे दामों पर बेचकर शोषण कर रहे थे। इनमें पशुओं के प्रयोग में आने वाली दवाईयों को भी इन युवाओं को बेचा जा रहा था। इसके साथ ही मानव शरीर के लिए प्रतिकूल प्रभाव वाली प्रतिबंधित दवाईयों को बिना किसी उचित परामर्श और लाइसेंस के युवाओं को बेचते थे।


इस कार्यवाही के दौरान पुलिस को जिम संचालकों के पास से कम्बोडिया, रूस, थाईलैण्ड से विदेशी आयातित दवाएं भी प्राप्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि तीनों थाना पुलिस द्वारा इस गंभीर और मानव स्वास्थ्य के लिए घातक प्रकरण में पांच जिम संचालकों को गिरफ्तार किया है। इनमें फिटनेस फैक्ट्री जिम पचैण्डा रोड के संचालक दीपक धीमान पुत्र ओमप्रकाश धीमान निवासी अंकित विहार गांधी कालौनी, वारियर जिम सिटी सैंटर के संचालक शाहिद पुत्र मौहम्मद सईद निवासी खालापार, अर्श फूड सप्लीमेंट अहिल्याबाई होल्कर चैक के संचालक फुरकान पुत्र इकबाल अहमद निवासी महमूदनगर सरवट, ग्लोबल जिम रामपुरी के संचालक अर्जुन कोरी पुत्र जगत सिंह निवासी रामपुरी और फिट फैक्ट्री जिम लद्दावाला के संचालक मौहम्मद आमिर पुत्र अब्दुल बासित निवासी लद्दावाला शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन पांचों के खिलाफ ड्रग्स इंस्पेक्टर की तहरीर पर तीनों थानों में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

छापामार कार्यवाही के दौरान इन जिम संचालकों के पास से एडेनासाइन मोनोफास्फेट इंजेक्शन, मेफेनटरमाइन सल्फेट, टेस्टोस्पेरोन सी-वाई, ट्रेनबोलन, एएमपी, रेडेक्स ट्रापिन, फ्रेग आर/पी और विन-100 स्टेनाजोलोल इत्यादि प्रतिबंधित और घातक दवाईयां बरामद हुई हैं। एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि इन दवाईयों में से एडेनासाइन मोनोफास्फेट इंजेक्शन का मानव के लिए प्रयोग ही नहीं होता है, यह पशुओं की दवाई है। इसी प्रकार एएमपी दवाई का प्रयोग घोड़ों के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान अभी जारी रखा जायेगा। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद में अन्य जिम संचालक भी इसी प्रकार की प्रतिबंधित दवाईयों का प्रयोग करते हुए युवाओं को धीमा जहर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दवाईयों के इस्तेमाल से युवा ड्रग एडिट हो रहे हैं और इन दवाईयों के प्रभाव से किडनी खराब होने के ज्यादा संभावना बन जाती है। इसके साथ ही हड्डियों पर हानिकारक प्रभाव, बैचेनी और लत का शिकार हो जाते हैं।

एसएसपी ने बताया कि ये लोग इन दवाईयों को आनलाइन या अन्यंत्र माध्यमों से बाहर से खरीदकर अथवा मेडिकल स्टोर से लेकर अपने पास बेचने के लिए रखते हैं। ये जिम संचालक अपने यहां एक्सरसाइज करने आने वाले युवाओं को जल्दी ही बाॅडी बनाने का झांसा देकर इन दवाईयों का इंजेक्शन प्रतिदिन लगवाते हैं। इन दवाईयों को मनमानी कीमत पर युवाओं को बेचकर उनका आर्थिक शोषण भी इनके द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यवाही के दौरान गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी खुला हुआ है कि सस्ती दवाईयों को फर्जीवाडा करते हुए ये जिम संचालक महंगी कीमत वसूल रहे थे, मैफेनटरमाइन को 250 रुपये में खरीदा जाता है और इसे एएमपी की शीशी में डाकर 2500 से 3000 रुपये तक बेचा जाता है। 1200 रुपये कीमत की खरीद वाले टैस्टोरोन प्रोपियोनाटा को 2500 रुपये में बेचते हैं। इसके साथ ही ये जिम संचालक नकली व फर्जी आयातित दवाईयों का डोस देकर युवाओं के स्वास्थ्य एवं जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

इनसे बरामद दवाईयों में ऐसी भी दवाई हैं, जिनको बिना किसी प्रिस्करिपशन के खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है। मेफेनटरमाइन सल्फेट को ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए चिकित्सक लिखते हैं, लेकिन ये जिम संचालक इसको स्ट्रायड की भांति प्रयोग के लिए युवाओं को बेचते हैं। एसएसपी के अनुसार इस कार्यवाही में यह भी सामने आया है कि ये जिम संचालक दवा की एक ही शीशी से एक ही इंजेक्शन सीरिंज के सहारे बार बार कई युवकों पर प्रयोग करके उनको एचआईवी एड्स और हेपेटाइटिस सी जैसी जानलेवा बीमारियों का संक्रमण बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इन दवाओं के हानिकारक प्रभाव से इन युवाओं का शरीर खोखला किया जा रहा है।

यह बड़ा गुडवर्क करने वाली टीम में ड्रग्स इंस्पेक्टर लवकुश प्रसाद के साथ शहर कोतवाली उप के निरीक्षक नेत्रपाल सिंह, उप निरीक्षक भूपेन्द्र शर्मा, उप निरीक्षक मूलचन्द कौशिक, उप निरीक्षक सुनील नागर सिविल लाइन और नई मण्डी थाना के उप निरीक्षक राकेश शर्मा के साथ ही कांस्टेबल मौहम्मद अलीम, प्रशान्त, विकास, पिन्टू, अंकित त्यागी व सुभाष सागर शामिल रहे। एसएसपी अभिषेक यादव ने पुलिस टीम की सफलता पर प्रशंसा की।

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