धूमधाम से मना गुरू गोविंद सिंह महाराज का 354वां प्रकाश पर्व

धूमधाम से मना गुरू गोविंद सिंह महाराज का 354वां प्रकाश पर्व

मुजफ्फरनगर। सिखों के 10वें गुरू गुरू गोविंद सिंह महाराज का 354 वां प्रकाश पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान रागी जत्थों ने गुरू गोविंद सिंह महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला और संगतों को निहाल किया। रागी जत्थों द्वारा गुरू बाणी का पाठ किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने लंगर भी छका।


श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज का 354वां प्रकाश पर्व रोडवेज बस स्टैंड स्थित गुरूद्वारे में श्री गुरू सिंह सभा द्वारा धूमधाम से मनाया गया। गुरु गोविंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 में माता गुजरी व पिताश्री गुरु तेग बहादुर के घर पटना साहिब में हुआ था। गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्र बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह थे। देश व कौम की खातिर गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्र जंग के मैदान में तथा दो पुत्रों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया था। गुरु गोविंद सिंह ने कभी भी मुगलों की नहीं मानी और वे उनका डटकर मुकाबला करते रहे। गुरु गोविंद सिंह को सरबंसदानी कहा गया है।


कार्यक्रम में विशेष तौर पर पधारे ज्ञानी दिलबाग सिंह कवि श्री जत्था अमृतसर से पधारे, जिन्होंने गुरु गोविंद सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला और संगतों को निहाल किया। इस कार्यक्रम में अनेक राजनीतिक व धार्मिक संस्थाओं के लोगों ने प्रतिभाग किया। इनमें से प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरु सिंह सभा के प्रधान अमरजीत सिंह सिडाना, महासचिव सरदार धनप्रीत सिंह चन्नी बेदी, सरदार गुरप्रीत सिंह, सरदार सुखदर्शन सिंह बेदी, मीडिया प्रभारी सरदार हरप्रीत सिंह सन्नी, सरदार गुरुचरण सिंह बराड़, गुरनाम सिंह, सुखबीर सिंह रावल, सरदार हरजीत सिंह, सरदार सतनाम सिंह हंसपाल, स. वजीर सिंह, हरीश पालीवाल, विक्की चावला, कुणाल चौधरी लक्की, मनीष चौधरी उर्फ गोलू आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर साध-संगत को गुरू का लंगर भी छकाया गया।

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