सभी सरकारी दफ्तरों में रेन वाटर हावेस्टिग सिस्टम लगेगे - सेल्वा कुमारी जे

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मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि पानी का संचयन बहुत जरूरी है क्योकि पीने का पानी बहुत कम हो रहा है। गिरते भू जल स्तर को ऊपर लाने के लिए हम सबको संयुक्त प्रयास करने होगे। तभी हम आने वाली पीढी को पीने का पानी सुलभ करा पायेगे। हम सबको माईक्रो लेवल पर जाकर कार्य करना होगा ऐसी कार्ययोजना बनानी होगी जिससे गिरते भू जल स्तर को ऊपर लाया जा सके। हमें वर्षा ऋतु का पानी रोकने (ड्रेन हार्वेस्टिग) व दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाले पानी को भी रोकना होगा ताकि आने वाली पीढी को हम जीवन की सौगात 'पानी' का भण्डार दे सकें।

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे आज जिला पंचायत सभागार में 1 जुलाई से 15 सितम्बर तक चलने वाले जल शक्ति अभियान के सम्बन्ध में बैठक कर रही थी।

जिलाधिकारी ने कहा कि पानी जैसी धरोहर को हमे भविष्य के लिए संचय करना होगा। उन्होने कहा कि खेतों का पानी खेत में रोकने के प्रयास अभी से करने होंगे तथा जितने पानी की आवश्यकता है उसी का उपभोग किया जाये व प्रयोग के लायक ही पानी लिया जाये। उन्होने कहा कि जल संरक्षण एव वर्षा जल संचयन आज की महती आवश्यकता है यदि हम लोग अभी अब से नही चेते तो धीरे-धीरे पानी की सतह नीचे गिरने के साथ ही पेड़, पौधों के के साथ हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। जल का अत्यधिक दोहन न करे। उसको आने वाली पीढी के लिए संरक्षित करके रखे। हमें जल संरक्षण एंव उसके संचयन के प्रति गम्भीर होना होगा। अन्यथा भविष्य में गम्भीर परिणाम भुगतने होगे। उन्होंने कहा कि जिला मुजफफरनगर में बुढाना, बघरा व चरथावल ब्लाक डार्क जोन पहुंच चुके है। उन्होने कहा कि जनसहभागिता की आवश्यकता है सबकों मिलकर कार्य करना होगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण से लोगों को असानी से पेयजल एवं सिंचाई सुविधाएं मुहैया होगी तथा भूगर्भ के गिरते जलस्तर को रोकने में मदद मिलेगी। इसलिए लोगों को संकल्पबद्ध होकर इस वर्षा ऋतु में ही शत-प्रतिशत जल संरक्षण करना नितान्त आवश्यक है। जल संरक्षण से ही जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने कि वर्षा का पानी रोकने हेतु ग्राम प्रधान अपने खण्ड विकास अधिकारियों से विचार विमर्श करके मनरेगा के माध्यम से बेहतर तालाब का निमार्ण कर सकते हैं, उसकी सफाई करा सकते है इससे गांव में जल संरक्षण भी होगा तथा स्थानीय मजदूरों को रोजगार भी मुहैया होगा। गांव में भू-जल स्तर में सुधार एवं निकट भविष्य में जलापूर्ति, भूजल स्तर को ऊपर उठाने एवं वर्षा जल संचयन के लिए यह कार्य आवश्यक है। जल, जीवन के लिये सबसे अहम प्राकृतिक संसाधन है। वैज्ञानिकों के मतानुसार आगामी दशकों में यह विश्व के कई क्षेत्रों में एक गंभीर अभाव की स्थिति में चला जायेगा। उन्होने कहा कि उन प्रयासों पर जोर देने की आवश्यकता है जो कि अधिक से अधिक वर्षाजल को संग्रहित कर सके। स्थानीय स्तर पर वर्षा के पानी का संचयन या संग्रहण को या तो जलाशयों, टैंकों या झीलों में जल को संग्रहित करके रखने के माध्यम से हो सकता है अथवा भूमिगत जल के पुर्नभरण द्वारा किया जा सकता है।

इस अवसर पर मुख्य विकस अधिकारी अर्चना वर्मा, सचिव एमडीएम महेन्द्र प्रसाद, परियोजना निदेशक, डीपीआरओ, सहित अन्य अधिकारीगण के साथ ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित थे।

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