चौहान सरकार के विशेष प्रयास

चौहान सरकार के विशेष प्रयास

भोपाल। कांग्रेस से छीनी सरकार को पुख्ता बनाने के बाद शिवराज सिंह चौहान कुछ ऐसे प्रयास कर रहे हैं जिससे लगे कि भाजपा की सरकार दूसरे दलों की सरकार से कुछ अलग है। चौहान की सरकार ने गाय संरक्षण के लिए गौ कैबिनेट (काऊ कैबिनेट) के गठन का फैसला किया है। इसके अंतर्गत पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह एवं किसान कल्याण विभाग को भी शामिल किया जाएगा। इसी प्रकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनमें आत्म विश्वास को मजबूत करने के लिए महिला स्व सहायता समूह (वुमन सेल्फ हेल्प ग्रुप ) को और मजबूत बनाने के लिए शिवराज सरकार ने कुछ और बड़े ऐलान किये हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 नवम्बर को मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंस में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के वर्चुअल क्रेडिट कैम्प में 150 करोड़ रुपये की ऋण राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर की। इस दौरान उन्होंने कहा मध्यप्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तीकरण है।

सीएम शिवराज चौहान ने कहा हमारी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना चाहती है। इसके लिए महिलाओं के स्व सहायता समूह बनाए गये हैं। सरकार उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से ऋण दिला रही है। बाकी ब्याज राशि मध्यप्रदेश सरकार भर रही है। इस वर्ष महिलाओं को उनकी आर्थिक गतिविधियों के लिए 1400 करोड़ की राशि दिलाई जा रही है। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया कि सरकारी खरीद का एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा। उनका बनाया सामान शहरों में मॉल्स में भी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा मध्यप्रदेश में वर्तमान में 35 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ये अलग-अलग तरह की आर्थिक गतिविधियां चला रही हैं। इस बार बहनों को स्कूल ड्रेस बनाने का काम दिया गया है। कई जगह रैडी टू ईट पोषण आहार बनाया जा रहा है। हमें इस साल 30 लाख और महिलाओं को ट्रेंड करके स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है। ये महिलाएं लोकल को वोकल बनाएंगी और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगी।

इसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार ने गाय संरक्षण के लिए गौ कैबिनेट (काऊ कैबिनेट) के गठन का फैसला किया है। इसके अंतर्गत पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह एवं किसान कल्याण विभाग को भी शामिल किया जाएगा।प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 नवंबर को राज्य में गौ कैबिनेट बनाने का ऐलान किया, जो राज्य में गौ संरक्षण की दिशा में काम करेगी। चौहान ने कहा था कि इस कैबिनेट के तहत सात विभाग शामिल किए जाएंगे. उन विभागों के नाम हैं- पशुपालन, वन, पंचायत, ग्रामीण विकास, गृह, राजस्व और किसान कल्याण विभाग। एक बीजेपी नेता ने कहा, मैं गौमाता के कल्याण और गौशालाओं के उत्थान के लिए पैसे जुटाने के खातिर कुछ मामूली कर लगाने के बारे में सोच रहा हूं।

इस प्रकार मध्य प्रदेश सरकार की अतिरिक्त पूंजी जुटाने के लिए सेस लगाने की योजना है। गौ कैबिनेट का गठन करने के बाद मध्य प्रदेश सरकार गौशालाओं को चलाने के लिए अतिरिक्त कोष जुटाने के वास्ते सेस (उपकर) लगाने की योजना बना रही है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 नवम्बर को यह बात कही। मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते गौ कैबिनेट का गठन किया। मुख्यंमत्री की अध्यक्षता में हुई गौ कैबिनेट की पहली बैठक में गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेंटर विकसित करने का भी फैसला किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर मालवा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार गौशाला को सामाजिक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों की मदद से चलाएगी और अगर अतिरिक्त पूंजी की जरूरत पड़ती है तो गाय सेस के माध्यम से जुटाई जाएगी। चौहान ने गौ कल्याण पैनल की पहली बैठक की अध्यक्षता की। बीजेपी नेता ने कहा, मैं गौमाता के कल्याण और गौशालाओं के उत्थान के लिए पैसे जुटाने के खातिर अगर कुछ मामूली कर लगाने के बारे में सोच रहा हूं तो क्या यह ठीक नहीं है? उन्होंने कहा, हम पहली रोटी गाय को खिलाते थे। इसी तरह आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाते थे। हमारी संस्कृति में पशुओं की चिंता की जाती थी, जो अब विलुप्त हो रही है। लिहाजा हम गायों की खातिर छोटी सी राशि टैक्स के रूप में जनता से चाहते हैं। वर्चुअल मीटिंग में सीएम चैहान और उनकी गौ कैबिनेट के सदस्यों ने गाय आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेंटर विकसित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कुपोषण को हराने के लिए बच्चों के आहार में अंडे की जगह गाय का दूध देने पर भी जोर दिया।

इसी बीच 25 नवंबर से वैत्रवती उत्सव शुरू हो गया। इस छह दिवसीय उत्सव में अलग-अलग दिन अलग-अलग तरह के धार्मिक और सामाजिक कार्य किए जाएंगे। 30 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन बेतवा के घाटों पर हजारों दीप जलाकर रोशनी की जाएगी। मां वैत्रवती घाट सुधार सेवा समिति के अध्यक्ष गोवर्धन साहू ने बताया कि यह उत्सव पिछले 25 वर्षों से लगातार जारी है, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं से मास्क लगाने और शारीरिक दूरी के साथ यह उत्सव मनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को भूमि पूजन के साथ ध्वजारोहण किया गया। इसी के साथ छह दिवसीय उत्सव शुरू हो गया। 25 नवंबर को 10.30 बजे बड़वाले घाट स्थित कार्यालय में भूमिपूजन, ध्वजारोहण और वैत्रवती की पूजन और आरती के साथ उत्सव की शुरुआत हुई। 26 नवंबर को पौधारोपण किया जाएगा। इसी के साथ गौमाता को गो ग्रास, पशु, पक्षी, जलीय जीव जंतु को दाना पानी की व्यवस्था की जाएगी। 27 नवंबर को शाम 6 से रात 9 बजे तक शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भजन कीर्तन और 28 नवंबर को शाम 5बजे से रात 9 बजे तक कवि सम्मेलन का कार्यक्रम रखा गया है। 29 नवंबर को सुंदरकांड एवं रात्रि जागरण का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें रात भर भजन कीर्तन के कार्यक्रम होंगे।

उत्सव के आखिरी दिन 30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रातः 4.00 बजे से बेतवा के घाटों, मंदिरों, को में दीप जलाकर रोशनी की जाएगी। 5.30 बजे मां वेत्रवती का पूजन दुग्ध अभिषेक और 111 फीट लंबी चुनरी अर्पित की जाएगी। इसी के साथ पिछले 1 माह से चल रहे कार्तिक स्नान का भी समापन हो जाएगा। पिछले 1 माह से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बेतवा में स्नान कर भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए प्रतिदिन दीपदान करते आ रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बेतवा में बडी संख्या में श्रद्धालु दीपदान करेंगे। इस मौके पर बेतवा के घाटों पर बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंद लोग पहुंचते हैं जिन्हें श्रद्धालु दान पुण्य भी करते हैं। (हिफी)

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