MP- बड़बोले हो रहे कॉंग्रेस नेता

MP- बड़बोले हो रहे कॉंग्रेस नेता

भोपाल। कांग्रेस पार्टी को जब हर कदम संभल-संभल कर उठाना चाहिए, तब उसके नेता बेवकूफी का काम करने में सबसे आगे रहते हैं। मध्य प्रदेश में जनता ने भाजपा से छीनकर कांग्रेस को सत्ता दी थी। इसका सीधा मतलब यही था कि जनता ने कांग्रेस पर भरोसा किया। लगभग आठ महीने बाद ही कांग्रेस नेताओं की ही गलती से भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली। कांग्रेस के लगभग दो दर्जन विधायकों ने और ज्योतिरादित्य जैसे बड़े नेता ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामा। इसी के चलते उपचुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस जनता से सहानुभूति की अपेक्षा करती है। संभव था कि जनता की सहानुभूति मिलती क्योंकि पाला बदलने वाले विधायकों ने जनता के साथ धोखा किया है लेकिन कांग्रेस के नेता जिस तरह का पागलपन कर रहे हैं, उससे जनता की सहानुभूति मिलने की संभावना क्षीण हो रही है अभी कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा नेता इमरती देवी को आइटम कह दिया था। अब कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने भोपाल के इकबाल मैदान पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन का आयोजन किया। फ्रांस में मोहम्मद साहेब के एक कार्टून को लेकर बवाल चल रहा है। मलेशिया के पूर्व पीएम ने इसी के चलते फतवा जारी किया कि मुसलमानों को फ्रांस के लोगों की हत्या करने का हक है। एक मुस्लिम युवक ने चर्च में एक महिला का गला काटकर हत्या भी कर दी। ऐसे कट्टरपंथियों का समर्थन खुलेआम कांग्रेस का विधायक कर रहा है तो उसे जनता की सहानुभूति कैसे मिलेगी।

मामला फ्रांस का है और परेशान है भारत के मुसलमान। विशेष रूप से कांग्रेस। फ्रांस में बीते दिनों हुए आतंकी हमले और उसके बाद इस्लाम को लेकर छिड़ी बहस रुकने का नाम नहीं ले रही है। पैंगबर मोहम्मद के कार्टून बनाए जाने को लेकर पहले ही विवाद छिड़ा हुआ है, जिसके कारण फ्रांस और तुर्की के बीच जुबानी जंग हो रही है। अब इस जंग में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने ऐसा बयान दिया है, जिसकी निंदा पूरी दुनिया में हो रही है। महातिर मोहम्मद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दर्जनों ट्वीट करते हुए फ्रांस की निंदा की और मुस्लिमों के प्रति द्वेष भाव रखने का आरोप लगाया। इन्हीं में से एक ट्वीट में महातिर मोहम्मद ने कहा, 'मुस्लिमों को गुस्सा करने का और लाखों फ्रांसीसी लोगों को मारने का पूरा हक है।' महातिर ने अपने अन्य कुछ ट्वीट में कहा कि फ्रांस में अबतक कई हजार लोगों को मारा जा चुका है, जिसमें से कई मुस्लिम थे। फ्रांस को अपने लोगों को समझाना चाहिए और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की रक्षा करनी चाहिए। हालांकि, महातिर मोहम्मद ने ये भी लिखा कि मुस्लिमों ने फ्रांस में आंख के बदले आंख के कानून को नहीं अपनाया है, ऐसे में फ्रांसीसी लोगों को भी ऐसा नहीं करना चाहिए।

महातिर मोहम्मद के इन ट्वीट पर काफी विवाद हुआ और दुनियाभर में इसकी निंदा की गई। बाद में ट्विटर ने महातिर मोहम्मद के उस ट्वीट को हटा दिया, जिसमें वो फ्रांसीसी लोगों को मारने की बात कर रहे हैं। फ्रांस में पैंगबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर छिड़ी बहस के बीच ही नाइस शहर में एक और हमला हुआ। जहां हमलावर ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते हुए चर्च में अटैक किया, इसमें तीन लोगों की मौत हो गई एक महिला का गला काट दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पोप फ्रांसिस, एंजेला मर्केल, डोनाल्ड ट्रंप समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं ने फ्रांस में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। साथ ही तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान द्वारा बीते दिनों फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर की गई टिप्पणी को भी कई देशों ने अपमानजनक बताया है। फ्रांसीसी पत्रिका चार्ली हेब्दो ने हाल ही में एक और कार्टून जारी किया है, जिसमें तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान पर तंज कसा गया है। इसी कार्टून पर तुर्की आगबबूला है और उसे अन्य मुस्लिम देशों का भी साथ मिला है। लेकिन फ्रांस भी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं और फ्रांस के साथ अन्य यूरोपीय देश भी उसके समर्थन में हैं।

फ्रांस में पिछले कुछ वक्त में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं, जिसके कारण पूरे देश में गुस्से का माहौल बना हुआ है। फ्रांस और तुर्की के बीच लगातार जुबानी जंग चल रही है, उसके अलावा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान के बाद कई मुस्लिम देशों ने फ्रांस का विरोध किया है।

पिछले कुछ वक्त में फ्रांस में इस तरह की घटनाएं बढ़ने लगी हैं, जिसके कारण एक वर्ग विशेष को लेकर फ्रांस में बहस छिड़ी है। अभी 29 अक्टूबर, 2020 को फ्रांस के शहर नाइस में चाकू से हमला किया गया। चर्च में तीन लोगों को मौत के घाट उतारा, महिला का गला काट दिया गया।

इससे पूर्व 16 अक्टूबर को पेरिस में हिस्ट्री टीचर की हत्या कर दी गई। आरोप था कि टीचर ने अपनी क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था। पुलिस ने हमलावर को एनकाउंटर में मार दिया था।

सितंबर 25 को पेरिस में चार्ली हेब्दो के पुराने दफ्तर के बाहर एक व्यक्ति ने दो लोगों पर चाकू से हमला किया। व्यक्ति की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर हुई, जिसपर बाद में आतंकी धाराएं लगाई गईं। मार्च, 2018 को साउथ फ्रांस में एक व्यक्ति ने खुलेआम फायरिंग की, पुलिसवालों को निशाना बनाया और एक सुपरमार्केट को कब्जे में लिया। पुलिस ने एनकाउंटर में हमलावर को ढेर किया था। इससे पूर्व 1 जून, 2017 को अलजेरिया के व्यक्ति ने पुलिसवालों पर हथौड़े से हमला किया, बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। व्यक्ति ने खुद को इस्लामिक स्टेट का समर्थक बताया था।

20 अप्रैल, 2017 को पेरिस में इस्लामिक स्टेट ग्रुप के सदस्य ने पुलिस वाले को गोली मार दी थी। बाद में पुलिस ने उसे भी ढेर कर दिया था। 18 मार्च, 2017 को पेरिस एयरपोर्ट के पास एक व्यक्ति ने पुलिसवाले को घायल किया, दूसरे पुलिसवाले को गोली मारी। बाद में चिल्लाते हुए खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। 3 फरवरी, 2017 को पेरिस के म्यूजियम में एक व्यक्ति ने अल्लाह हू अकबर चिल्लाते हुए पुलिसवालों पर हमला कर दिया। इस हमले में कई लोग घायल हुए, हमलावर पकड़ा गया। 26 जुलाई, 2016 को 19 साल के दो हमलावरों ने चर्च में फादर की गला रेत कर हत्या कर दी थी और 14 जुलाई, 2016 को नीस में एक ट्रक ड्राइवर ने स्टोर में ट्रक घुसा दिया, जिसमें 86 लोगों की मौत हुई। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने फ्रांस के नीस शहर में चाकू से किए गए हमले की निंदा की है और फ्रांस के लोगों को अपना समर्थन दिया है। हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति का यह बयान भी भड़काऊ था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया संकट में है। इसके बावजूद मुस्लिम कट्टरवाद के खिलाफ कई देश एक साथ हैं। भारत में कांग्रेस यह नहीं समझ रही है। (केशव कान्त कटारा-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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