मिनिस्टर हो तो ऐसा ओमप्रकाश राजभर जैसा

मिनिस्टर हो तो ऐसा ओमप्रकाश राजभर जैसा

ओमप्रकाश राजभर सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन के कैबिनेट मिनिस्टर सुबह 7 बजे से जनसमस्याएं सुन रहे थे तभी एक नोजवान अपनी पत्नी दो छोटे बच्चों और अपनी बहन के साथ आया और मंत्री ओमप्रकाश से इशारों में अपनी पीड़ा बताने लगा उसे ईशारे से बोलते देख उन्होंने उसकी पत्नी से बात बताने को कहा तो उसने भी इशारों में बात शुरू की तभी उनके साथ आई महिला ने कहा साहब यह मूक बघिर दिव्यांग है इसकी यह पत्नी भी नही बोल सकती है यह नगर निगम मेरठ में अनुचर के पद पर है । इतने में दिव्यांग अनुभव गौतम ने अपने हाथों में लिए कागज मंत्री के समक्ष रख कर उन्हें समझाने लगे । तो मंत्री ओमप्रकाश ने उसके दिये गए कागज पढ़े तो उनकी बात समझ मे आई। उसके साथ आई महिला ने बताया कि अनुभव अलीगढ़ जनपद के रहने वाले है माता पिता की ज़िम्मेदारी भी इन्ही के पास है दोनो पति पत्नी मूक बघिर है कि साल से अनुभव अपना ट्रांसफर मेरठ से अलीगढ़ कराने के लिए सभी जगह निवेदन कर चुका है लेकिन अभी तक नही हुआ आप दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के मंत्री है इसलिए आप से गुजारिश करने आया है। दोनों पति पत्नी मंत्री से मार्मिक अपील करने लगे तो मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उनके पार्थना पत्र लिया और महिला से कहा कि आप जाइए आपका काम करकर मैं आपके नंबर पर सूचना भी दूंगा।
आज के समय मे जब नेताओ पर आरोप रहता है कि वह अपने रिश्तेदारों , समर्थकों ओर इलाके के लोगो को तरजीह देते है उन्ही का काम करते है ऐसे में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ऐसे आरोपो को गलत साबित कर रहे है ।अनुभव गौतम ना तो ओम प्रकाश राजभर की पार्टी से संबंधित है ना उनके रिश्तेदार है ना ही उनके समर्थक है फिर भी उनका अनुभव के लिए चिंता करना साबित करता है कि बेहतरीन सोच के साथ सियासत में आये है।
वैसे तो अनुभव गौतम का ट्रांसफर उनके विभाग से संबंधित नही था नगर विकास विभाग से होना था लेकिन दोनों पति पत्नी के दिव्यांग होने के नाते मंत्री ओमप्रकाश राजभर इसकी जिम्मेदारी ली और ऐसा नही है कि अपने आवास से निकल कर मंत्री अनुभव की समस्या को भूल गए हो वह सीधे अपने सचिवालय आफिस पहुंचे और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को फोन मिलाया तो पता चला कि वह भाजपा मुख्यालय में किसी मीटिंग में है तो उन्होंने अपने स्टाफ को कहा कि निदेशक नगर निकाय से बात कराओ जब निदेशक से बहुत देर तक बात नही हुई तो मंत्री जी नाराज हो गए और अपने स्टाफ के कमरे में आकर खड़े हो गए आदेश दिया कि निदेशक जहां भी हो अभी बात करे जब निदेशक से बात हुई तो मंत्री ने उन्हें हड़काते हुए कहा कि मेरे दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री रहते किसी दिव्यांग को तंग किया गया तो खैर नही होगी। निदेशक ने मंत्री से कहा कि मेरठ ओर अलीगढ़ नगर आयुक्त लिखेंगे तब अनुभव का तबादला हो पायेगा । मंत्री ने वंही से आदेश दिया कि अभी दोनों नगर आयुक्तों से बात कराओ स्टाफ मंत्री जी के अपने कक्ष में होने से परेशानी महसूस करने लगा एक नए हिम्मत करके कहा कि साहब आप अपने कमरे में बैठ जाइए हम बात करते है तो मंत्री अपने निजी सचिव की कुर्सी पर बैठ गए और कहा कि जो भी फाइल करनी है यही ले आओ जब तक दोनों नगर आयुक्तों से बात नही होगी तब तक यही बैठा हूँ । मंत्री ओमप्रकाश राजभर के सख्त तेवर के बाद स्टाफ ने दोनों नगर आयुक्तों के स्टाफ से कहा कि दोनों जहां भी अभी तत्काल मंत्री जी बात करे इसके तुरंत बाद दोनों नगर आयुक्तों ने पलटकर फोन किया मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दोनों को स्पष्ट कहा कि अनुभव गौतम के लिए दोनों तुरंत लिखो मुझे हर हाल में इनका ट्रांसफर चाहिए।
मिनिस्टर ओम प्रकाश राजभर से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा हमे सरकार में शामिल होकर जनता के लिए काम करने का मौका मिला है तो हमारी जिम्मेदारी है कि हम काम करे उन्होंने कहा कि देश मे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी जी दिव्यांगों के सशक्तिकरण के किये गंभीर है ऐसे में हमारी ओर भी ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है
कुल मिलाकर मिनिस्टर ओमप्रकाश राजभर का यह प्रयास सराहनीय है उनके इस जज्बे को मेरा सलाम है

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